इंश्योरेंस पॉलिसी होल्डर ध्यान दें- 10 साल के अंदर नहीं किया क्लेम तो... IRDAI का फैसला
पॉलिसी होल्डर (Insurance policy holder) काफी टाइम से लंबित पडे क्लेम को जल्द से जल्द करा सकते हैं. ड्यू डेट खत्म होने पर 10 साल के अंदर क्लेम नहीं होने पर दावा नहीं कर पाएंगे.
30 सितंबर 2018 तक बीमा कंपनियों के पास 17,877.28 रुपए अनक्लेम्ड जमा राशि के रूप में पड़े हैं. (Pixabay)
30 सितंबर 2018 तक बीमा कंपनियों के पास 17,877.28 रुपए अनक्लेम्ड जमा राशि के रूप में पड़े हैं. (Pixabay)
क्या आपने या आपके रिश्तेदारों ने इंश्योरेंस पॉलिसी (Insurance Policy) ली हुई है? क्या इंश्योरेंस पॉलिसी खत्म होने या उसके लैप्स (Policy lapse) होने पर आपने क्लेम नहीं किया है. अगर ऐसा है तो आपके लिए बहुत जरूरी खबर है. क्योंकि, अब अगर इंश्योरेंस कंपनी के पास आपका भुगतान ड्यू रहा (Policy due date) और 10 साल के अंदर उसे क्लेम नहीं किया गया तो कंपनी सारे पैसे सरकारी खजाने में जमा करवा देगी. अगर आपका भी कोई क्लेम पेंडिंग पड़ा है तो उसे समय रहते क्लियर करा लें.
खत्म हो जाएगा पॉलिसी होल्डर का हक (How to claim unclaimed policy amount)
पॉलिसी होल्डर (Insurance policy holder) काफी टाइम से लंबित पडे क्लेम को जल्द से जल्द करा सकते हैं. ड्यू डेट खत्म होने पर 10 साल के अंदर क्लेम नहीं होने पर दावा नहीं कर पाएंगे. 10 साल बाद पॉलिसी होल्डर का उस पैसे पर कोई हक नहीं रहेगा. इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI के मास्टर सर्कुलर (Master circular) के मुताबिक, सभी इंश्योरेंस कंपनियों को 10 साल के बाद के अनक्लेम अमाउंट को सीनियर सीटिजन वेलफेयर फंड (Senior Citizen welfare fund) में जमा करवाना होगा और ये नियम सभी इंश्योरेंस कंपनियों के लिए लागू होंगे.
17 हजार रुपए से ज्यादा अनक्लेम्ड राशि (Insurance companies unclaimed amount)
केंद्रीय मंत्री (Central Minister) की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, 30 सितंबर 2018 तक बीमा कंपनियों (Insurance companies) के पास 17,877.28 रुपए अनक्लेम्ड जमा (Unclaimed amount) राशि के रूप में पड़े हैं. इसमें जीवन बीमा कंपनियों (Life Insurance company) के पास 16887.66 करोड़ रुपए और गैर-जीवन बीमा कंपनियों के पास 989.62 करोड़ रुपए जमा है. अगर आपने भी LIC या फिर किसी अन्य बीमा कंपनी में निवेश किया है, तो आप बेहद आसानी से पता लगा सकते हैं कि आपको पैसा सुरक्षित है या नहीं.
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इरडा ने दिया निर्देश (IRDAI orders to Insurance company)
बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने बीमा कंपनियों को अपनी वेबसाइट पर सर्च की सुविधा मुहैया कराने के लिए कहा है. इसकी मदद से पॉलिसीधारक या आश्रित इस बात का पता लगा सकते हैं कि उनके नाम पर इन कंपनियों के पास कोई बिना दावे वाली रकम तो नहीं है.
ऐसे मिलेगी जानकारी (How to check unclaimed policy amount)
पॉलिसीधारक/लाभार्थी को बिना दावे वाली रकम का पता लगाने के लिए पॉलिसी नंबर, पॉलिसीधारक का पैन, उसका नाम, आधार नंबर जैसे ब्योरे डालने पड़ते हैं. बीमा कंपनियों के लिए जरूरी है कि वे अपनी वेबसाइट पर बिना दावे वाली रकम के बारे में बताएं. यह जानकारी हर छह महीने में देनी पड़ती है. सभी कंपनियों की वेबसाइट पर ये सुविधा उपलब्ध है. इस लिंक पर जाकर चेक कर सकते हैं. https://customer.onlinelic.in/LICEPS/portlets/visitor/unclaimedPolicyDues/UnclaimedPolicyDuesController.jpf
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नॉमिनी को होनी चाहिए पॉलिसी की जानकारी (Insurance policy nominee )
अक्सर इस तरह की इंश्योरेंस पॉलिसी के बारे में नॉमिनी को पता ही नहीं होता है या फिर पॉलिसी डॉक्युमेंट नहीं मिलते. इस तरह पॉलिसीधारक की मौत होने पर आश्रित इस रकम पर दावा करने की स्थिति में नहीं होते हैं. ऐसी स्थिति से बचने के लिए नॉमिनी को न केवल पॉलिसी के बारे में पता होना चाहिए, बल्कि उसे यह जानकारी भी होनी चाहिए कि पॉलिसी से जुड़े दस्तावेज कहां रखे हैं. पॉलिसी में नॉमिनेशन को अपडेट कराना भी नहीं भूलना चाहिए.
03:29 PM IST